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Geography of India important Questions on Forests and Natural Vegetation of India for SSC, UPSC, IAS, Railways, NDA, CDS, Judiciary and other examinations of India: वन एवं वनस्पति

Geography of India important Questions on Forests and Natural Vegetation of India for SSC, UPSC, IAS, Railways, NDA, CDS, Judiciary and other examinations of India.

1. वन (Forest )

● महत्त्वपूर्ण तथ्य

• राष्ट्रीय वन नीति (1988) के अनुसार देश के 33% भाग पर वन होने चाहिए। 

●वर्तमान में 21.34% पर वन हैं। 60% वन पर्वतीय क्षेत्रों में और 25% वन मैदानी क्षेत्रों में हैं।  

● क्षेत्रफल के अनुसार वनाच्छादित प्रदेश का घटता क्रम है- मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा ।

● क्षेत्रफल की दृष्टि से न्यूनतम वन वाले राज्य - (1) हरियाणा, (2) पंजाब, (3) गोवा । 

●प्रतिशत की दृष्टि से सर्वाधिक वन वाले राज्य / संघ राज्य अवरोही क्रम में- (1) मिजोरम (2) लक्षद्वीप (3) अण्डमान व निकोबार द्वीप समूह, (4) अरुणाचल प्रदेश, (5) नागालैण्ड ।

● प्रतिशत की दृष्टि से न्यूनतम वन वाले राज्य/संघ राज्य अवरोही क्रम में- (1) पंजाब, (2) हरियाणा, (3) राजस्थान, (4) उत्तर प्रदेश (5) गुजरात।

मैंग्रोव वन

● भारतीय वन स्थिति रिपोर्ट, 2015 के अनुसार भारत में विश्व की लगभग 3% मैग्रोव वनस्पति है।

● सर्वाधिक मैंग्रोव आच्छादित चार राज्य (1) पं. बंगाल, (2) गुजरात, (3) अण्डमान-निकोबार (4) आन्ध्र प्रदेश।

• पश्चिम बंगाल में उन्हें 'सुन्दर वन' कहते हैं।

2. प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)

(1) उष्ण-कटिबन्धीय सदाबहार वन

  • ये वन भारत के उन भागों में पाए जाते हैं जहाँ 200 सेमी. से अधिक वर्षा एवं उच्च तापमान पाया जाता है। 
  • वृक्षों के पतझड़ का कोई निश्चित समय नहीं होता अतः यह बन साल भर हरे-भरे रहते हैं। इसलिए इन्हें सदाबहार वन कहते हैं।
  • ये वन पश्चिमी घाट के पश्चिमी ढाल, लक्षद्वीप अण्डमान-निकोबार द्वीप. असम के ऊपरी भाग तथा तमिलनाडु के तट तक सीमित  है
  • इन वनों में व्यापारिक महत्व के वृक्ष एबोनी (आबूनस), महोगनी, रोजवुड, रबड़ और सिकोना है।

(ii) उष्ण-कटिबन्धीय पर्णपाती वन

  • ये भारत में सबसे बड़े भाग में फैले हुए वन हैं जो 100-200 सेमी, वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं। 
  • इन वनों में वृक्ष शुष्क ग्रीष्म ऋतु में 6-8 सप्ताह के लिए अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं इसलिए इन्हें पतझड़ वाले वन कहते हैं। 
  • यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख वृक्ष हैं- सागवान, बाँस, साल, शीशम, चंदन, कुसुम, अर्जुन तथा शहतूत। 

(iii) उष्ण-कटिबन्धीय शुष्क वनस्पति

  • वार्षिक वर्षा 50 से 100 सेमी. वाले क्षेत्र में। ये वन पूर्वी राजस्थान, उत्तरी गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, दक्षिणी पंजाब, हरियाणा आदि में पाये जाते है।
  •  वृक्ष महुआ, बबूल, पलाश, वेन्दू, बेर, बरगद, पीपल आदि ।

(iv) शुष्क मरुस्थलीय काँटेदार वनस्पति

  • जिन क्षेत्रों में 50 सेमी. से कम वर्षा होती है, वहाँ इस प्रकार की वनस्पति पाई जाती है।
  • इन भागों के वन छोटे-छोटे वृक्षों की कँटीली झाड़ियों के रूप में होते हैं।
  • भारत में ये वन राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के अर्द्ध शुष्क भागों में पाए जाते हैं।
  • यहाँ के प्रमुख वृक्ष हैं- अकासिया, खजूर (पाम), नागफनी (कैक्टस), खेजड़ा आदि ।

(v) डेल्टाई वन (मैंग्रोव वन)

  • यह वनस्पति, तटवर्ती क्षेत्रों में जहाँ ज्वार-भाटा आते हैं, की सबसे महत्त्वपूर्ण वनस्पति है
  •  गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी नदियों के डेल्टा भाग में यह वनस्पति मिलती है।
  • गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा में सुंदरी वृक्ष पाए जाते हैं (यह क्षेत्र रॉयल बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है)।

(Vi) पर्वतीय वनस्पति

  • इनमें ओक, चेस्टनट, मैपिल, सिल्वरफर, पाइन, देवदार, एल्डर आदि वृक्ष मिलते हैं। यह वन हि.प्र., उत्तराखण्ड, उत्तर पूर्वी भारत और पूर्वी तथा पश्चिमी घाट में पाये जाते है।
  • इसके अन्तर्गत नीलगिरि, अन्नामलाई और पालनी पहाड़ियों पर शीतोष्ण कटिबन्धीय वनों को 'शोलास' (sholas) कहते हैं।


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