हि.प्र. में ग्लेशियर को स्थानीय भाषा में 'शिगड़ी' कहते हैं ।
ग्लेशियर को हिमनद के नाम से भी जाना जाता है। ग्लेशियर नदियों को पानी देते हैं व नदियों के उद्गम का प्रमुख स्रोत हैं।
1. बड़ा शिगड़ी - यह हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा ग्लेशियर है, जो लाहौल स्पीति में स्थित है। इस ग्लेशियर की लंबाई 25 किमी. है और इस ग्लेशियर से चन्द्रा नदी को पानी मिलता है । इस ग्लेशियर से चन्द्रताल झील बनी है।
2. पार्वती ग्लेशियर - पार्वती ग्लेशियर से पार्वती नदी को पानी मिलता है। यह ग्लेशियर कुल्लू जिले में स्थित है। इस ग्लेशियर की लंबाई 15 किमी. है।
3. दुधोन ग्लेशियर - दुधोन ग्लेशियर से पार्वती नदी को पानी मिलता है । यह ग्लेशियर कुल्लू जिले में स्थित है। इस ग्लेशियर की लंबाई 15 किमी. है।
4. मुल्कीया ग्लेशियर – यह ग्लेशियर लाहौल स्पीति में स्थित है। इस ग्लेशियर से भागा नदी को जल मिलता है। इस ग्लेशियर की लंबाई 12 किमी. है।
5. मियार ग्लेशियर - यह ग्लेशियर लाहौल स्पीति में स्थित है। इस ग्लेशियर से मियार नदी को जल मिलता है। इस ग्लेशियर की लंबाई 12 किमी. है ।
6. व्यासकुण्ड ग्लेशियर - रोहतांग के पास इससे व्यास नदी को पानी मिलता है ।
7. कुल्टी ग्लेशियर - कोकसर के समीप स्थित है।
8. भादल ग्लेशियर - बड़ा भगाल (काँगड़ा) के पास स्थित है, इससे भादल नदी को पानी मिलता है ।
9. गेफांग ग्लेशियर – 'लाहौल का मणिमहेश' के नाम से यह ग्लेशियर प्रसिद्ध है।
10. द लेडी ऑफ केलांग ग्लेशियर - लाहौल स्पीति में स्थित है।
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